Tuesday, 7 April 2015

मैं हूँ एक कलाकार.....

मैं एक कवी हूँ....
अपने अंदर के भावोंको
अपने ही शब्दोंसे आकर देता हुँ....
मैं एक चित्रकार हूँ....
अपने आकृति से उसको आकार देता हूँ...
मैं एक किसान हूँ....
अपनी मेहनत से बंजर जमींन पर सोना उगाता हूँ...
मैं एक संत/ वैज्ञानिक हूँ.....
अपनी चेतना से लोगोंको दृष्टी दिखाता हूँ....
मैं एक कलाकार हूँ 
अपनी सोच से सूरज ,चाँद, और पुरे ब्रम्हांड की भूमिका कर के दिखाता हूँ ....
मैं हूँ एक कलाकार.....

तुषार राजश्री तानाजी म्हस्के

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