चांदी जैसे चमकते हुए बादल ...
दूर दूर तक लगता हैं समुन्दर...
आसमान में जाकर देखना ...
सारा जहाँ विशाल और चमकते हुए...
इस भेड़चाल से परे ...
दूर दूर तक लगता हैं समुन्दर...
आसमान में जाकर देखना ...
सारा जहाँ विशाल और चमकते हुए...
इस भेड़चाल से परे ...
आपने विशाल अस्तित्व को इस सुंदर सी प्रकृति में देखते हुए ...
मेरे जीवन की यात्रा को यादगार बनाता हुआ
जहाँ कभी मैं सपने देखता था आसमान में उड़ने का
आज बादलों के ऊपर से चलता रहा ...
इस सुंदर से पल को महसूस करता रहा
चमकते हुए बादलों के बीच ...
जीवन का गीत गाते गाते...
मैं चला रंग की नई दृष्टि के साथ
रंगकर्म के साथ साथ...
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थियेटर ऑफ रेलेवन्स रंगकर्मी
तुषार म्हस्के
तुषार म्हस्के
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