Friday, 7 August 2015

मिलेंगे बाते करेंगे....

मिलेंगे बाते करेंगे ,
अपने आप से मुलाक़ात करेंगे,
सोचेंगे हम दर्द को,
दर्द की दवा निकालेंगे,
अपनी यात्रा को समजेंगे,
एक दूसरे की प्रेरणा बनेंगे,
हौसला बनकर नया रास्ता निकालेंगे,
नए रंगो को समजेंगे ,
साधना की और बढ़ेंगे,
विचारोंका मंथन करेंगे,
अपने इंसान होने को जानेंगे,
मिलाप होगा मन,तन और विचारोंका ...
निकलेगी सुकून भरी सांस,
कोमल सी किरण,
पोर्णिमा का चाँद,
अंदर के भावोंको रंगो को दिशा देकर..
एक नया रंगकर्म करंगे और रंगकर्मी कहलाएँगे....

तुषार म्हस्के

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