Thursday, 9 July 2015

यही मेरा मजहब है....

ना मै हिन्दू हूँ
ना मै मुसलमान....
ना मै सिख हूँ 
ना मैं ईसाई ....
नाही मेरा कोई मजहब है....
ना मैं कोई मजहब का हूँ....
मै खुले आसमान मेँ उड़ने वाला पंछी हूँ....
गगन में संचार करना मेरा जीवन है...
आँखों में तारे बसाना मेरी ताकत है....
दिलों को छुना मुझे अच्छा लगता है...
विचारोंको बनाना मेरी फितरत है....
मै अपने साथ ....
मेरा झंडा कोनसे रंग का नहीं है....
मेरी कफ़न इद्र्धनुष्य ने बांदी है....
आसमान को देखता हूँ...
जमीन पर सोता हूँ....
मैं मनुष्य हूँ....
और मनुष्य बनकर जीना ही मेरा जीवन है.....
इंसानियत मेरा धर्म है....
 यही मेरा मजहब है....

तुषार म्हस्के

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